Tuesday, August 20, 2013

VIJAY BANSAL APNI YACHIKA KA MAKSAD SAPAST KARE:HC

चंडीगढ़। हरियाणा टीचर भरती बोर्ड मामले में याची पक्ष की भूमिका (लोकस स्टैंडाई) पर भी सवाल खड़ा हो गया है। सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने याची विजय बंसल से याचिका दाखिल करने के पीछे मकसद स्पष्ट करने के निर्देश जारी किए। सुनवाई के दौरान प्रतिवादियाें ने दलील दी कि याची विजय बंसल विधायक पद के प्रत्याशी रह चुके हैं और राजनीतिक द्वेष के चलते उन्होंने यह याचिका दाखिल की है। इसके साथ ही प्रतिवादियों ने याची पर पब्लिसिटी बटोरने का भी आरोप जड़ा। चीफ जस्टिस संजय किशन कौल एवं जस्टिस एजी मसीह पर आधारित खंडपीठ ने याची को अगली सुनवाई तक अपना पक्ष रखने के निर्देश जारी किए हैं। अगली सुनवाई 27 अगस्त को होनी है। रोहतक, झज्जर, सोनीपत वासियों की ही
नियुक्ति: विजय बंसल मामले की सुनवाई के दौरान सोमवार को याची विजय बंसल ने अपना हलफनामा हाईकोर्ट में दाखिल किया। एफिडेविट में आरोप लगाया गया है कि हरियाणा सरकार हरियाणा टीचर सिलेक्शन बोर्ड की आड़ में टीचरों की नियुक्तियाें में पक्षपात कर रही है। उन्होंने कहा कि बोर्ड द्वारा अभी तक भरती किए गए टीचरों में रोहतक, झज्जर और सोनीपत के लोगाें की संख्या अधिक है, जबकि अन्य जिलों के साथ भेदभाव पूर्ण नीति अपनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि साक्षात्कार में इन तीन जिलों के उम्मीवादों को ज्यादा नंबर देकर चयन प्रक्रिया को खराब किया जा रहा। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने 15 जुलाई को हरियाणा सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था कि यह बताया जाए कि हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन की संख्या 13 से घटाकर 7 क्यों की गई। एफिडेविट में आगे कहा कि 15/5/2013 को हरियाणा सरकार ने पुलिस भरती के लिए भी एक राज्य स्तरीय बोर्ड का गठित किया गया। यह बोर्ड 11 हजार पदों की भरती करेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि टीचर सिलेक्शन बोर्ड की तरह ही पुलिस भरती में भी अपने लोगाें को फायदा पहुंचाने की तैयारी की गई है। यह है मामला ः पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका में हरियाणा सरकार द्वारा गठित टीचर सिलेक्शन बोर्ड के गठन को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि यह बोर्ड नियुक्तियों में कुछ लोगों को विशेष फायदा पहुंचा रहा है। बोर्ड के सदस्य पूरी तरह राजनीति से प्रेरित होकर काम कर रहे हैं। हाईकोर्ट से आग्रह किया गया है कि इस बोर्ड को रद करने के निर्देश जारी किए जाएं। याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने बोर्ड द्वारा की गई नियुक्तियों के अंतिम परिणाम पर रोक लगा दी है। इससे 20 हजार के करीब शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रूक गई है।

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