Thursday, July 17, 2014

AB PRINCIPAL DENGE LA KO VETAN

चंडीगढ़ : सरकारी स्कूलों में तैनात कंप्यूटर लैब सहायकों को वेतन के लिए अब निजी कंपनियों के पीछे नहीं भागना पड़ेगा। शिक्षा निदेशालय ने लैब सहायकों को स्कूल प्रिंसीपल के माध्यम से वेतन देने का निर्णय लिया है। 1भविष्य में इन्हें वेतन की अदायगी प्रिंसिपल कार्यालय में उपलब्ध उपस्थिति रिकार्ड के आधार पर होगी। शिक्षा निदेशालय ने कोर कंपनियों द्वारा नियुक्त लैब सहायकों की सेवाएं शिक्षा विभाग में समायोजित कर दी हैं। वेतन का भुगतान त्रैमासिक ही होगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक विवेक अत्रेय ने बताया कि लैब सहायकों का बकाया भुगतान स्कूल प्रधानाचार्यो के माध्यम से सीधे जारी किया जाएगा। सितंबर 2012 से फरवरी 2013 तक छह महीने का बकाया तत्काल जारी करने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि लैब सहायकों के छह माह के वेतन के समान अनुमानित राशि संबंधित
स्कूलों को जारी कर दी गई है। अगला भुगतान स्कूलों के मुखिया के कार्यालय में उपलब्ध उपस्थिति रिकार्ड के अनुसार किया जाएगा। खंड शिक्षा अधिकारी समयबद्ध तरीके से बकाया जारी किये जाने की निगरानी करेंगे और सही भुगतान के लिए जवाबदेह होंगे। छह महीने के वेतन का रिकार्ड शिक्षा से राजस्व विभाग पहले ही स्वीकृत कर चुका है। सभी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों के प्रधानाचार्यो तथा राजकीय उच्च विद्यालयों के मुख्य अध्यापकांे को उनके स्कूलों में आइसीटी प्रयोगशालाआंे में नियुक्त लैब सहायकों की उपस्थिति नियमित रूप से दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। अत्रेय ने बताया कि लैब सहायकों ने सरकार को बताया था कि उन्हें मई 2012 से कोर एजुकेशन एंड टेक्नोलाजी कंपनी वेतन नहीं दे रही है। इस पर गौर करते हुए सरकार ने कोर पर कार्रवाई कर लैब सहायकों की सेवाएं शिक्षा विभाग को सौंप दी हैं।

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