Thursday, April 23, 2015

MIS - रिकॉर्ड ऑनलाइन होने पर माना जाएगा दाखिला

 जागरण संवाददाता, जींद : सरकारी स्कूलों में बच्चों का दाखिला अब उस समय तक नहीं माना जाएगा, जब तक उसका रिकॉर्ड ऑनलाइन नहीं हो जाता। ऑनलाइन होने के बाद ही शिक्षा विभाग उस बच्चे का दाखिला मानेगी। यह शिक्षा विभाग द्वारा की गई दाखिला प्रणाली का एक हिस्सा होगा। विभाग ने सभी बच्चों का डॉटा आनलाइन करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश भर में एमआइएस के तहत सरकारी स्कूलों की दाखिला प्रक्रिया का डाटा आनलाइन किया जा रहा है। यही नहीं जिला स्तर पर एमआईएस के बारे में शिक्षकों व स्कूल मुखियाओं को ट्रेनिंग भी दी जा रही है। इस ट्रेनिंग का मुख्य उद्देश्य यही है कि पूरा रिकार्ड आनलाइन कर दिया जाएगा ताकि भविष्य किसी भी प्रकार का रिकार्ड आसानी से देखा जा सके और भविष्य में दाखिला प्रणाली भी आनलाइन हो सके। हालांकि आरंभिक स्तर पर स्कूल मुखियाओं को डाटा आनलाइन कराने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। विभाग द्वारा जो कागजात बच्चों के दाखिले के लिए मांगे गए हैं, फिलहाल उन्हें एक साथ एकत्रित करना पाना टेढ़ी खीर बना हुआ है। ऑनलाइन प्रणाली में अब सबसे बड़ा पेच यह भी सामने आ रहा है कि जब तक शिक्षक बच्चे के दाखिले को आनलाइन फीड नहीं कर देंगे, तब तक उस बच्चे का
दाखिला विभाग नहीं मानेगा। यानी बच्चे के दाखिला संबंधी जानकारी को हर हाल में आनलाइन करना होगा। उसके बाद ही बच्चे को स्टाइफंड सहित अन्य सुविधाएं मिल सकेंगी। बिना कागजात नहीं होगा फीड नए नियमों के अनुसार बच्चे के दाखिला के समय अब अभिभावकों को आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, रिहायशी प्रमाण पत्र, माता-पिता का पैन नंबर, बीपीएल कैटेगरी, इंकम सर्टिफिकेट, विकलांगता प्रमाण पत्र (यदि विकलांग या मूक बधिर है तो), बैंक अकाउंट आदि की पूरी जानकारी देनी होगी। यदि यह सभी सर्टिफिकेट या जानकारी फार्म में नहीं भरी जाएगी तो आनलाइन फीड नहीं हो पाएगा, क्योंकि आनलाइन फीड करने के लिए संबंधित प्रमाण पत्र की कापी स्कैन करके अटैच की जाएगी। ऑनलाइन मिलेगी एसएलसी शिक्षा विभाग का दावा है कि अब एसएलसी (स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट) भी बच्चों को आनलाइन ही मिल सकेगा। जब कोई बच्चा स्कूल छोड़ना चाहेगा तो उस बच्चे को आनलाइन ही एसएलसी विभाग की तरफ से प्रदान की जाएगी। फिलहाल स्कूलों में एसएलसी के लिए फार्म भरकर देना होता है और उस पर स्कूल मुखिया व संबंधित कक्षा इंचार्ज हस्ताक्षर कर मोहर लगाकर देते हैं।

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