Tuesday, June 2, 2015

NO SCHOOL WILL BE UPGRADED IN NEXT 6 MONTHS

 राजनीतिक कारणों से नहीं, जरूरत से बढ़ाया जाएगा स्कूलों का दर्जा कैथल : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के दिन ब दिन गिरते स्तर को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अब स्वयं कमान संभाल ली है। जहां एक ओर उन्होंने शिक्षा विभाग को हर जिले में स्थित सरकारी स्कूलों की वृहद रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं वहीं विधायकों को भी दो टूक कह दिया है कि कम से कम छह महीने तक स्कूलों के अपग्रेडेशन से संबंधित सिफारिश न करें। यूं तो विभिन्न जिलों के सरकारी स्कूलों का रिजल्ट हर वर्ष ही गिरता जा रहा है लेकिन इस साल हरियाणा शिक्षा बोर्ड का 10वीं एवं 12वीं कक्षा का निहायत ही खराब रिजल्ट सरकार के गले की फांस बन गया है। न शिक्षा मंत्री से कोई जवाब देते बन रहा है न ही अधिकारियों से। जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री के निर्देश पर हर जिले के सरकारी स्कूलों की विस्तृत रिपोर्ट की जा रही है। इस रिपोर्ट में स्कूलों की संख्या एवं उनका दर्जा और हर स्कूल में अध्यापकों एवं की संख्या मांगी गई है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही
रेशनेलाइजेशन प्रक्रिया के तहत यह तय किया जाएगा कि किस जिले के किस हल्के, कस्बे या गांव में किस दर्जे तक के स्कूल की जरूरत है। किन स्कूलों को समीपवर्ती स्कूलों में विलय किया जा सकता है और कितने बच्चों पर कितने शिक्षक होने चाहिए। बताते हैं कि इस सारी प्रक्रिया पर करीब छह माह का समय लग सकता है। तब तक के लिए स्कूलों के अपग्रेडेशन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। "प्रदेश के सरकारी स्कूलों की स्थिति बहुत ही अजीब हो रखी है। कहीं पर बच्चे नहीं हैं और शिक्षक खाली बैठे हैं तो कहीं पर बच्चे ज्यादा हैं लेकिन शिक्षक नहीं हैं। कहीं पर दोनों हैं मगर पढ़ाई ठीक से नहीं होती। इसलिए हम सभी जिलों के सरकारी स्कूलों के पूरे आंकड़े और रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। उसके बाद ही सबकुछ निर्धारित किया जाएगा। लेकिन इस सबमें कुछ समय लगेगा। इसलिए अभी कम से कम छह माह तक कोई भी विधायक स्कूलों के अपग्रेडेशन की सिफारिश नहीं करे।" -- मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा रेशनेलाइजेशन के तहत चल रही सारी प्रक्रिया "हर जिले के सभी सरकारी स्कूलों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया रेशनेलाइजेशन के तहत चल रही है। सारी रिपोर्ट बच्चों और अध्यापकों की संख्या एवं जिले की जरूरत के हिसाब से तैयार हो रही हैं। अगले कुछ माह में इन्हीं रिपोर्टो के आधार पर ही कई बड़े निर्णय लिए जाएंगे।" -- शमशेर सिंह सिरोही, उप जिला शिक्षा अधिकारी, कैथल

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